By Alka
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Sharda Sinha Death: छठ महापर्व को अपने मधुर आवाज से सजाने और संवारने वाली शारदा सिन्हा जी का निधन हो गया है. वो 72 वर्ष की थीं. दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. ये उनके चाहने वालों के लिए बेहद दुखभरी खबर है. अपनी मधुर आवाज से फैंस का दिल जीतने वाली शारदा अब हमेशा के लिए चुप हो गई हैं.
छठ महापर्व के दौरान ही दुनिया को कहा अलविदा
छठ महापर्व के संगीत को अपनी मधुर आवाज से दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाने वाली शारदा सिन्हा जी का निधन उनके सभी चाहने वालों के लिए अत्यंत पीड़ा दायक है. छठी मैया के गानों से दुनिया भर में प्रसिद्ध हुईं शारदा सिन्हा की मौत छठ महापर्व के दौरान ही हुई. छठ मैया के गीतों से अपनी सुमधुर आवाज़ से छटा बिखेरने वाली Sharda Sinha अपने जीवंत गीतों के माध्यम से हमेशा अपने फैंस के दिलों में रहेंगी.
बेटे अंशुमन सिन्हा ने की निधन की पुष्टि
Sharda Sinha की तस्वीर शेयर करते हुए उनके निधन की खबर की पुष्टि उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने कर दी है. लोकगायिका के इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटो पोस्ट करते हुए अंशुमन ने लिखा, ‘अंशुमन सिन्हा द्वारा किया गया पोस्ट. आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे. मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है. मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं’
मंगलवार रात ली आखिरी सांस
पद्म पुरस्कार से सम्मानित बिहार की मशहूर गायिकाSharda Sinha अब इस दुनिया में नहीं रहीं. मंगलवार को दिल्ली एम्स में उन्होंने देर शाम को आखिरी सांस ली. सोमवार की शाम को ही शारदा सिन्हा की तबीयत अधिक बिगड़ गयी थी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था. मंगलवार को उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए. इस खबर ने देशभर में उनके शुभचिंतकों को झकझोर कर रख दिया. शारदा सिन्हा के गाये छठ गीत अभी हर तरफ बज रहे हैं और इस महापर्व के बीच में उनके देहांत की खबर से प्रशंसकों में मायूसी छायी है.
छठ के मौके पर रिलीज हुआ Sharda Sinha का आखिरी गाना
Sharda Sinha का अंतिम छठ गीत भी एक दिन पहले ही रिलीज किया गया था. हालांकि इस गाने की रिकॉर्डिंग पहले ही हो गई थी. लेकिन छठ के मौके पर ही उनके नए गीत रिलीज किए जाते थे. इस नए गाने का नाम दुखवा मिटाईं छठी मइया है. यह उनका आखिरी छठ गीत है.
बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मंगलवार को दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली. 72 वर्षीय शारदा सिन्हा की तबीयत पिछले महीने ही बिगड़ गयी थी. जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था. आइसीयू में उनका इलाज चल रहा था. लेकिन इलाज के बाद उनकी तबीयत स्थिर हुई तो प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. जिसके बाद परिवार समेत उन तमाम लोगों ने राहत की सांस ली थी जिनकी नजरें शारदा सिन्हा के हेल्थ अपडेट पर ही टिकी हुई थी.
4 नवंबर को वेंटिलेटर पर शिफ्ट हुईं थीं Sharda Sinha
4 नवंबर सोमवार को शाम में Sharda Sinha की तबीयत अचानक फिर बिगड़ गयी. जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ गया था. उनके पुत्र अंशुमन लगातार हेल्थ अपडेट दे रहे थे. सोशल मीडिया पर आकर उन्होंने जानकारी दी थी कि इंफेक्शन की वजह से मां की तबीयत अधिक बिगड़ गयी और वो वेंटिलेटर पर हैं. उनकी आंखें बंद हैं और वो अचेत अवस्था में हैं. जबकि सोमवार की सुबह जब उनके पुत्र अंशुमन ने अपनी मां से कुछ बात करने की कोशिश की तो शारदा सिन्हा की आंखों की पुतली में बेहद हल्की सी हरकत महसूस की गयी थी.
1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित
1 अक्टूबर 1952 को सुपौल, बिहार में जन्मीं शारदा सिन्हा ने अपने अधिकतर गाने मैथिली और भोजपुरी भाषाओं में गाए. उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. ‘बिहार कोकिला’ कही जाने वालीं शारदा ने बॉलीवुड समेत, भोजपुरी फिल्मों के लिए भी गीत गाए लेकिन वो प्रमुख तौर पर अपने छठ गीतों के लिए बहुत पॉपुलर हुईं.
Sharda Sinha ने 9 एल्बम में 62 छठ गीत गाए थे
अपने पूरे करियर में उन्होंने कुल 9 एल्बम में 62 छठ गीत गाए थे. उनके गीतों के बिना लोगों को छठ का त्यौहार अधूरा लगता है. शारदा का निधन छठ के पहले दिन हुआ है. उनका निधन भोजपुरी लोक संगीत के लिए एक अपूरणीय क्षति है.