By Alka
Updated on:
Reading habits: कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल के इस युग में बच्चों की दोस्ती किताबों से कराना parents के लिए बेहद टेढ़ी खीर है। लेकिन यह जरूर सच है कि बच्चों के mental growth के लिए उनमें reading habits डालना बहुत फायदेमंद हो सकता है।
Reading habits से Develop होती है Personality
Reading habits बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ उनकी सोच और उनकी उनकी Personality Development पर बहुत positive असर लेकर आती है। तो आईए जानते हैं कि आज के इस दौर में किस तरह से आप अपने बच्चों को किताबों का अच्छा दोस्त बना सकते हैं। जिससे उनकी सोच सीमित न रह जाए। वह किसी गैजेट पर dependent न रहें, बल्कि उनकी क्षमता आगे भी विकसित हो।
Reading habits: इलस्ट्रेशन बुक्स होती हैं बेहतरीन
- बच्चों में पढ़ने की आदत डालने के लिए इलस्ट्रेशन बुक्स बहुत ही बढ़िया ऑप्शन है।
- आप बच्चों में इलस्ट्रेशन बुक्स के जरिए पढ़ने की आदत डेवलप करने में काफी सफल हो सकते हैं।
- दरअसल इलस्ट्रेशन बुक बहुत ही इंटरेस्टिंग तरीके से बनाई गई किताबें होती है जिनमें चित्र के माध्यम से कहानी समझाई गई होती है।
- इन चित्रों की वजह से बच्चे किताबों से खुद को कनेक्ट कर पाते हैं और इस तरह उन तस्वीरों की वजह से बच्चों को किताबें पढ़ने में दिलचस्पी काफी बढ़ती रहती है।
- ऐसी किताबें बच्चों को पढ़ने के लिए दें जिसमें तस्वीरों के साथ-साथ बड़ा-बड़ा लिखा हो। इन तस्वीरों और इसकी लिखावट से बच्चे बहुत ही जल्दी आकर्षित होते हैं और किताबों को पसंद करने लगते हैं।
Parents reading time
बच्चों बच्चों में Reading habits को डेवलप करने का काम माता-पिता बखूबी कर सकते हैं। बस इसके लिए उन्हें खुद पढ़ने का समय निकालना होगा। बहुत ही कम पेरेंट्स ऐसे होंगे जो अपने बच्चों की Reading habits में सुधार नहीं करना चाहेंगे।
आज के टेक्नोलॉजी के इस दौर में ऐसा करना बहुत मुश्किल हो गया है कि बच्चों को गैजेट से दूर रखा जाए क्योंकि बच्चे अधिक समय टीवी या फिर गेम ऐप्स को देना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि उनके पेरेंट्स ही खुद इन गैजेट्स में लगे रहते हैं। बच्चा देखकर यही सिखाता है। लेकिन अगर आप खुद पढ़ने के लिए थोड़ा समय निकालें और अपनी मनपसंद किताब के एक से दो पेज daily पढ़ें तो इसका असर आपको अपने बच्चों में जरूर दिखाई देगा। आपको पढ़ता हुआ देखकर बच्चा भी किताब पढ़ने की इच्छा जाहिर करेगा।और धीरे-धीरे उसमें किताबों को पढ़ने की आदत डेवलप हो जाएगी।
Reading habits: बच्चों को खुद चुनने दें उनके पसंद की किताब
अक्सर आपने देखा होगा कि कहीं भी जाते समय किसी स्टोर पर आप बच्चों के लिए खुद किताबें सेलेक्ट करते हैं। लेकिन व्यवहारिक जीवन में ऐसा नहीं करना चाहिए। बच्चों को उनके पसंद की किताबें खुद चुनने दें। इससे आपके बच्चों के इंटरेस्ट के बारे में भी पता चलेगा। इसके साथ ही जब बच्चे दुकान से अपने पसंद की किताबें खरीदेंगे तो उन्हें दिलचस्पी के साथ पढ़ेंगे भी और इससे उनकी Reading habits बढ़ेगी। हो सकता है कि शुरुआती समय में वह सिर्फ उन किताबों के पन्ने पलटें लेकिन उन्हें पढ़ने की धीरे-धीरे आदत बन जाएगी।
अखबारों के रंगीन पन्ने बच्चों से पढ़ने को कहें
- अक्सर अखबारों में बच्चों का कोना निकलता है। कोई कहानी या रंग भरो जैसे चित्र निकलते हैं।
- उस पेज को आप बच्चों से पढ़ने के लिए कह सकते हैं।
- बच्चे चित्र देखकर जब पढ़ने लगे तो आप उन्हें ऊंची आवाज में पढ़ने के लिए बोलें।
- रोजाना सिर्फ 10 मिनट के लिए ऐसा करें।
- कुछ देर तो बच्चे तस्वीरों को निहारेंगे और इसके बाद जब वह अखबार का वह होना पढ़ेंगे जो बच्चों का होता है तो उनमें interest जागेगा।
- लगातार कुछ दिन आप ऐसा उनके साथ करें उसके बाद आप देखेंगे कि वह खुद अखबार का वह कोना पढ़ने में दिलचस्पी दिखाएंगे और एक्साइटमेंट के साथ आपके पास लेकर आएंगे।
बच्चों की क्रिएटिविटी को न करें नजर अंदाज
बच्चे बहुत ही ज्यादा क्रिएटिव होते हैं वह जिस किताब को पढ़ते हैं उनमें से कुछ ना कुछ चीज ग्रहण जरूर कर लेते हैं। इसलिए आपकी जिम्मेदारी बन जाती है कि बच्चे जो भी किताब पढ़ रहे हैं उनसे जरूर पूछें कि उन्होंने उसे किताब में क्या पढ़ा। या फिर जो भी स्टोरी उन्होंने पढ़ी इससे उन्होंने क्या सीखा। बच्चों की इमेजिनेशन बहुत अच्छी होती है। हो सकता है कि वह उसमें दो-चार बातें जोड़कर आपको बताएं। ऐसा करने से उनको बेहतर होने का तरीका पता चलता है और धीरे-धीरे उन्हें रीडिंग में इंटरेस्ट आने लगता है।
बच्चों को प्रोत्साहित करें
बच्चा जब अपने पसंद की किसी किताब को पढ़कर उसे खत्म करें तो बच्चे की पढ़ने की उपलब्धियां को पहचान और गहरी मुस्कुराहट के साथ उसका जश्न मनाएं बच्चे किताबों से नए शब्द सीखते हैं या फिर आपकी मदद के बिना जब पढ़ते हैं तो पेरेंट्स को आगे जाकर बच्चों की इन उपलब्धियां को प्रोत्साहित करना चाहिए।
पढ़ने के लिए बनाएं अनुकूल माहौल
छोटे बच्चों में पढ़ने की आदत को विकसित करना पहला कदम घर की तरफ से होता है स्कूल में पढ़ने के लिए तो अनुकूल माहौल होता ही है लेकिन घर में पढ़ने का माहौल तैयार करना माता-पिता की जिम्मेदारी हो जाती है घर में पढ़ने का माहौल बनाने के लिए आपको एक छोटी लाइब्रेरी या फिर घर के किसी कमरे में किताबों के लिए एक जगह तय करनी होगी और यह देखना होगा कि यह जगह अच्छी तरह से व्यवस्थित और आकर्षक हो इस जगह में बच्चों को आसानी से किताबें मिल जाए और किताबें बच्चों की पसंद की हो।
पढ़ने की आदत यानी reading habits बच्चों की पढ़ाई में सुधार लाती है। वह अपनी क्लास में बेहतरीन प्रदर्शन कर पाते हैं इसके साथ ही वह सेल्फ कंट्रोल रख पाने में काफी सक्षम होते हैं बच्चे किताबों से दोस्ती करके अधिक जिम्मेदार और अनुशासित भी बनते हैं कहानियों में कई कैरक्टर्स बच्चों को बहुत ही ज्यादा आकर्षित करते हैं बच्चों को सामाजिक कौशल और सहानुभूति सीखने का मौका इन्हीं किताबों से मिलता है यही नहीं अच्छी किताबें बच्चों को तनाव और चिंता से भी दूर रखने में काफी मददगार साबित होती है।