
By Alka
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PCOS यानी कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, यह महिलाओं को होने वाला एक हार्मोनल विकार है, जिसमें महिलाओं की ओवरी प्रभावित होती है. इस समस्या में महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन की अधिकता होने लगती है, जिसके कारण महिलाओं के अंडाशय पर सिस्ट बन जाती है.

इस बीमारी के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जैसे, मुंहासे, मोटापा, चेहरे पर हेयर का ग्रोथ हो जाना, बालों का झड़ना, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल का हाई होना, डिप्रेशन, अनियमित पीरियड. वहीं PCOS के बारे में एक और आम धारणा है, कि इससे पीड़ित महिलाएं कभी मां नहीं बन सकती हैं. इस बात में कितनी सच्चाई है, हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे.
PCOS से पीड़ित महिलाएं अक्सर गर्भधारण को लेकर चिंतित होती हैं. लेकिन, Ovulation को प्रेरित करने वाली दवाएं और सही जीवनशैली अपनाकर महिलाएं सफलतापूर्वक गर्भधारण कर सकती हैं.
PCOS के लक्षण क्या हैं?
PCOS से जुड़े कई संकेत और लक्षण हैं. यदि आपको PCOS है, तो आपको निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:
- आपके अंडाशय पर सिस्ट
- इंसुलिन प्रतिरोध – जहां आपकी कोशिकाएं इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करती हैं और आपके रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है.
- वज़न बढ़ना
- अवसाद
आपको अन्य लक्षण भी अनुभव हो सकते हैं जैसे:
- चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल
- सिर के बाल पतले होना या गंजा होना
- मुंहासा
- अनियमित मासिक धर्म
- ओव्यूलेशन (आपके अंडाशय से अंडे का निकलना) में समस्या
- बांझपन
ये लक्षण Testosterone सहित एंड्रोजन के उच्च स्तर के कारण होते हैं. सभी महिलाओं में ये हार्मोन होते हैं. लेकिन अगर आपको PCOS है, तो आपके शरीर में इन हार्मोन्स की मात्रा थोड़ी ज़्यादा होगी.
क्या PCOS से पीड़ित महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं?

PCOS में प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, लेकिन पीड़ित महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं, यह पूरी तरह से सत्य नहीं है. हार्मोनल असंतुलन और अनियमित Ovulation के कारण गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है, लेकिन उचित इलाज और जीवन शैली में बदलाव के साथ गर्भधारण आसान हो सकता है.
PCOS से पीड़ित महिलाओं को क्या करना चाहिए!
1-अगर कोई महिला PCOS से पीड़ित है, तो गर्भधारण की योजना बनाते समय स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें. वह आपकी स्थिति के अनुसार उचित उपचार की सलाह देंगी. कुछ ऐसी दवाई चलाई जाती है, जो Ovulation को प्रेरित करने में मदद करती हैं.
2-नियमित एक्सरसाइज,संतुलित आहार और हेल्दी वजन बनाए रखना जरूरी है. वजन कम करने से हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है और Ovulation नियमित हो सकता है.
3-इसके अलावा मेडिटेशन और योग करके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं, जिससे हार्मोनल संतुलन में सुधार हो सकता है.
4-PCOS में कम से कम कार्बोहाइड्रेट लें. रिफाइंड कार्ब्स जैसे कि शुगर, व्हाइट ब्रेड, सफेद राइस, ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन लेवल को प्रभावित कर सकते हैं.
5-नट्स, मछली और हरी पत्तेदार सब्जियों को डाइट में शामिल करें. इससे भी हार्मोनल संतुलन बना रहता है.
6-कैफीन का सेवन सीमित करें.
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