
By Alka
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आज देशभर में करवा चौथ यानी कर्क चतुर्थी का पावन पर्व बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सफलता और वैवाहिक जीवन की मंगल कामना के लिए निर्जला व्रत (बिना पानी के व्रत) रख रही हैं। यह पर्व सुहागिनों के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है, जिसमें चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है।
करवा चौथ 2025: शुभ मुहूर्त और तिथि
पञ्चाङ्ग के अनुसार करवा चौथ शुक्रवार, अक्टूबर 10, 2025 को
करवा चौथ पूजा मुहूर्त – 05:57 पी एम से 07:11 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 14 मिनट्स
करवा चौथ व्रत समय – 06:19 ए एम से 08:13 पी एम
अवधि – 13 घण्टे 54 मिनट्स
चूंकि सुबह से संध्याकाल तक पूरे दिन चतुर्थी तिथि केवल 10 अक्टूबर को ही है, इसलिए व्रत इसी दिन किया जा रहा है। इस व्रत को विवाहित महिलाओं के साथ-साथ वे युवतियां भी रखती हैं, जिनका विवाह तय हो चुका होता है।
करवा चौथ का धार्मिक महत्व और पौराणिक कथाएं
करवा चौथ व्रत का एक गहरा धार्मिक और पौराणिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत की शुरुआत को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं:
- शिव-पार्वती की कथा: यह व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था। उनके कठोर तप से उन्हें शिवजी का साथ मिला। इसके बाद शिवजी ने माता पार्वती को ही इस व्रत की विधि बताई थी, जिसके बाद से यह व्रत लोक परंपरा का हिस्सा बन गया।
- द्रौपदी और श्रीकृष्ण की कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, जब पांडव पुत्र अर्जुन नीलगिरी पर्वत पर तपस्या करने गए और पांडवों पर गहरा संकट आया, तब चिंतित द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया। श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को पांडवों के कष्टों के निवारण के लिए करवा चौथ का व्रत करने की सलाह दी थी।
- करवा धोबिन की कथा: करवा नाम की एक पतिव्रता धोबिन तुंगभद्रा नदी के किनारे रहती थी। एक बार जब एक मगरमच्छ ने उसके पति को पकड़ा, तो करवा ने अपने साहस और पतिव्रता धर्म के बल पर मगर को कच्चे धागे से बांध दिया। करवा का साहस देखकर यमराज ने मगर को यमपुरी भेज दिया और उसके पति को दीर्घायु होने का वरदान दिया।
व्रत-पूजन के लिए उपयोगी मंत्र
करवा चौथ के दिन व्रती महिलाएं शिव-पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं। इस दौरान इन मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है:
- श्रीगणेश का मंत्र: ‘ॐ गणेशाय नमः’
- शिव का मंत्र: ‘ॐ नमः शिवाय’
- पार्वती जी का मंत्र: ‘ॐ पार्वती पतये नमः’
- स्वामी कार्तिकेय का मंत्र: ‘ॐ षण्मुखाय नमः’
- चंद्रमा का पूजन मंत्र: ‘ॐ सोमाय नमः’
- संकल्प मंत्र: ‘मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’
- क्षमा प्रार्थना मंत्र: ‘नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।’
प्रमुख शहरों में आज चांद निकलने का समय (Karwa Chauth Moon Rise Time)
व्रत के समापन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण चंद्रमा का उदय है। महिलाएं चांद को अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। आज (10 अक्टूबर) प्रमुख शहरों में चंद्रमा निकलने का अनुमानित समय इस प्रकार है:
शहर का नाम | चांद निकलने का समय (लगभग) |
दिल्ली | रात 08:13 बजे |
नोएडा | रात 08:12 बजे |
गुरुग्राम | रात 08:14 बजे |
मुंबई | रात 08:55 बजे |
कोलकाता | रात 07:42 बजे |
चेन्नई | रात 08:38 बजे |
लखनऊ | रात 08:02 बजे |
कानपुर | रात 08:06 बजे |
जयपुर | रात 08:23 बजे |
भोपाल | रात 08:26 बजे |
पटना | रात 07:48 बजे |
रायपुर | रात्रि 08:01 बजे |
देहरादून/हरिद्वार | रात 08:05 बजे |
चंडीगढ़ | रात 08:09 बजे |
शिमला | रात 08:06 बजे |