Kartik Me Tulsi Puja: कार्तिक महीने में ऐसे करें मां तुलसी की पूजा, प्रसन्न होंगीं मां लक्ष्मी

By Alka

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कार्तिक माह, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, जो आध्यात्मिक साधना और व्रत-उपवास के लिए विशेष महत्व रखता है। इस पूरे महीने में तुलसी के पौधे की पूजा का विधान है, जिसे देवी लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में विधि-विधान से तुलसी पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि, धन और सौभाग्य का वास होता है।

यहाँ छह महत्वपूर्ण तरीके बताए गए हैं जिनके द्वारा आप कार्तिक मास के दौरान तुलसी महारानी की पूजा कर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

1. प्रतिदिन तुलसी को जल अर्पित करें

कार्तिक मास की सबसे महत्वपूर्ण परंपराओं में से एक है स्नान के बाद तुलसी को जल चढ़ाना। यह अनुष्ठान घर में सुख-समृद्धि लाता है। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रविवार को तुलसी को जल चढ़ाना उचित नहीं माना जाता है। इस नियम का पालन करते हुए प्रतिदिन जल अर्पण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

2. घी का दीपक जलाकर करें आरती

पूरे कार्तिक माह में, सुबह और शाम दोनों समय तुलसी महारानी के सामने घी का दीपक जलाने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह दीपक न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है।

3. नियमित पूजन और स्वास्तिक चिह्न

तुलसी की पवित्रता और दिव्यता बनाए रखने के लिए, पूरे महीने सुबह और शाम तुलसी की नियमित पूजा करना आवश्यक है। इस अनुष्ठान के दौरान, तुलसी के गमले पर स्वास्तिक का शुभ चिह्न बनाना चाहिए। स्वास्तिक बनाना सकारात्मकता, संरक्षण और पवित्रता को दर्शाता है, जो पूजा को और भी फलदायी बनाता है।

4. तुलसी के पौधे की सही दिशा

सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी के पौधे को घर की उत्तर या उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में रखना सर्वोत्तम माना जाता है। यह दिशा धन और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए शुभ मानी जाती है। पौधे को उचित दिशा में स्थापित करने से इसका शुभ प्रभाव बढ़ जाता है।

5. तुलसी विवाह और चुनरी बदलने की प्रथा

कार्तिक मास में तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जाता है, जो तुलसी माता (देवी लक्ष्मी) और शालिग्राम (भगवान विष्णु) के दिव्य मिलन का प्रतीकात्मक विवाह है। इस समारोह में, तुलसी माता की चुनरी बदलने की प्रथा है। यदि चुनरी किसी कारण से पुरानी या गंदी हो जाए, तो इसे बदलकर नई चुनरी चढ़ाना शुभ माना जाता है।

6. पूजा स्थल की साफ-सफाई सुनिश्चित करें

जहाँ तुलसी महारानी स्थापित हैं, उस स्थान की नियमित साफ-सफाई करना अत्यंत आवश्यक है। सफाई और स्वच्छता बनाए रखने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में वास करती हैं। स्वच्छ वातावरण में ही सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का आगमन होता है।

कार्तिक मास में तुलसी पूजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह पवित्रता, समृद्धि और सौभाग्य को अपने जीवन में आमंत्रित करने का एक तरीका है। इन सरल तरीकों को अपनाकर आप कार्तिक माह के दौरान तुलसी महारानी की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

Alka

Alka Tiwari is a seasoned author with over 10 years of experience writing for women. Her work focuses on empowerment and personal growth, delivering inspiring and relatable stories that resonate deeply. Alka is dedicated to uplifting and connecting with her readers.

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