
By Alka
Published on:
Diwali 2025: कार्तिक मास की अमावस्या तिथि इस बार दो दिन है और इस कारण लोगों में इस बात को लेकर काफी कंफ्यूजन है कि आखिरकार दिवाली कब मनाई जाएगी तो आज इस आर्टिकल में जानेंगे की दिवाली का शुभ मुहूर्त क्या है और दिवाली मनाने की सही तिथि क्या है।
Diwali 2025 : मां लक्ष्मी के साथ भगवान श्री गणेश और श्री कुबेर भगवान की पूजा करने का विधान
दिवाली चन्द्र-सौर आधारित हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार मनायी जाती है, इसकी दिनाङ्क ग्रेगोरियन कैलेण्डर में भिन्न-भिन्न होती है और सामान्यतः यह अक्टूबर के मध्य और नवम्बर के मध्य में आती है।
हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत ही अधिक महत्व है इसे धूमधाम से मनाया जाता है रोशनी का यह पर्व हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान श्री गणेश और श्री कुबेर भगवान की पूजा करने का विधान भी है।
Diwali 2025 : रंग- बिरंगी लाइटों से सजा है बाजार
इसके साथ ही पूरे घर को दीपक और लाइट से सजाया जाता है आजकल रंग बिरंगी लाइट बाजार में उपलब्ध है इसके साथ ही कई लाभ और सजावट की कई झूले रे भी उपलब्ध है जिसको लोग अपने घरों में लेकर आते हैं और घरों को सजाते हैं।
Diwali 2025 : आरम्भ और महत्व
पौराणिक मान्यता की अगर बात करें तो सनातनी पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद जब अयोध्या में वापस आए थे तो अयोध्या वासियों ने उनके आने की खुशी में अपने घरों में दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या दीपक की रोशनी से जगमग होती थी इसी के कारण हर साल इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है दीपावली का यह प्रकाश पर्व अंधेरे को मिटाने का काम करता है अंधेरा मतलब पाप कर्म ।
कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इससे भी पहले सागर मन्थन के समय जब देवी लक्ष्मी देवताओं और सम्पूर्ण मानवता के लिये वरदान के रूप में सामने आयीं थीं। हिन्दु धर्म विश्व के प्राचीन धर्मों में से एक है और इसका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। अतः इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि दीवाली के सम्बन्ध में विभिन्न कथायें प्रचलन में हैं। हालाँकि यह सभी कथायें अज्ञान पर ज्ञान की, अन्धकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और निराशा पर आशा की जीत की प्रतीक हैं।
Diwali 2025: इस साल कार्तिक महीने में अमावस्या तिथि 2 दिन पड़ रही है इसीलिए असमंजस की स्थिति द्रिक पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर को हो रहा है 20 अक्टूबर को दोपहर में 3:45 पर अमावस्या तिथि का आरंभ हो रहा है यह अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर को शाम 5:55 पर समाप्त हो रही है ऐसे में दिवाली पर निशिता कल में पूजा करने का विधान है इसलिए इस साल दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
अमावस्या की अगर बात करें तो चंद्रमा पर निर्भर होने के कारण जितने भी त्यौहार है अतः जिस रात चंद्रमा की स्थिति अमावस की होगी उसी रात दीपावली का पर्व मनाया जाएगा इस बार 20 अक्टूबर की रात अमावस्या का चांद रहेगा और वह संपूर्ण रूप से नहीं दिखता है अमावस में अंधेरा रहता है इसी कारण 20 अक्टूबर की तिथि ही दीपावली के पूजन के लिए सही मानी गई है।
Diwali 2025 लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
Diwali 2025: असमंजस की स्थिति में आप समझ गए होंगे कि इस बार दीपावली 20 अक्टूबर को क्यों मनाई जाएगी लिए आप जानते हैं की लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है ज्योतिषियों के अनुसार लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 20 अक्टूबर को 07:08 पी एम से 08:18 पी एम के लिए शुभ बताया गया है…
- प्रदोष काल – 05:46 पी एम से 08:18 पी एम
- वृषभ काल – 07:08 पी एम से 09:03 पी एम
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 20, 2025 को 03:44 पी एम
- अमावस्या तिथि समाप्त – अक्टूबर 21, 2025 को 05:54 पी एम
Diwali 2025 निशिता काल मुहूर्त
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 21 अक्टूबर– 11:41 पी एम से 12:31 ए एम
- अवधि – 00 घण्टे 51 मिनट्स
- निशिता काल – 11:41 पी एम से 12:31 ए एम, अक्टूबर 21
- सिंह लग्न – 01:38 ए एम से 03:56 ए एम, अक्टूबर 21
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना
ऐसा माना जाता है कि, अगर स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। इसीलिए लक्ष्मी पूजा के लिए यह समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। वृषभ लग्न को स्थिर माना जाता है और दिवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होता है।