By Alka
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Kartik purnima को हिंदू धर्म में विशेष फलदायी माना गया है. इस दिन दान पुण्य के कार्य करने से व्यक्ति को 100 गुना अधिक लाभ मिलता है. लेकिन Kartik purnima के दिन 4 ऐसे काम हैं जो किसी को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. वरना आपको देवताओं का क्रोध झेलना पड़ सकता है. और आप कंगाल हो सकते हैं. आइए जानते हैं इस दिन क्या करें क्या न करें!
देवउठनी एकादशी के बाद से कार्तिक माह में आने वाली पूर्णिमा बहुत ही विशेष मानी जाती है. कार्तिक माह की पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था. जिसके कारण भगवान शिव को त्रिपुरारी के नाम से भी जाना जाता है. भगवान शिव को यह नाम भगवान विष्णु ने दिया था इसी वजह से इस पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं.
त्रिपुरासुर का वध होने के बाद सभी देवता खुश हो गए और प्रसन्नता में देवलोक में सभी देवताओं ने दीप जलाकर इस खुशी को मनाया इसीलिए इसे देव दिवाली कहा जाता है. Kartik purnima पर आपको कुछ विशेष बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए. कुछ ऐसे काम है जिन्हें कार्तिक पूर्णिमा के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
यदि आपने Kartik purnima के नियमों का पालन नहीं किया तो सभी देवता आपसे रुष्ट हो सकते हैं और आपको आर्थिक हानि या किसी तरह की समस्या का सामना जीवन में करना पड़ सकता है. तो यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर इस दिन क्या करें और क्या ना करें. आइए जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर क्या नहीं करना चाहिए!
Kartik purnima पर न पहने इस रंग के कपड़े
कार्तिक पूर्णिमा को बेहद शुभ माना गया है. मान्यता के अनुसार किसी भी शुभ दिन या मांगलिक कार्यक्रम के दौरान काले रंग के वस्त्र धारण करने से परिवार में अशुभ प्रभाव पड़ता है. इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए.
कार्तिक पूर्णिमा पर न करें चांदी की चीजों का दान
Kartik purnima के शुभ अवसर पर चांदी की चीजों का दान करने से बचना चाहिए. यदि आज के दिन आप चांदी की चीजों का दान करेंगे तो आपको चंद्र दोष लगा सकता है. जिस वजह से आर्थिक समस्याओं का सामना आपको करना पड़ेगा. इसके साथ ही सफेद चीजों का दान करने से भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन बचना चाहिए.
दूध का दान करने से भी बचना चाहिए क्योंकि दूध का संबंध चंद्रमा से ही माना गया है. इसके अलावा आप किसी और चीज का दान अवश्य कर सकते हैं. पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए गए दान से व्यक्ति को 100 गुना फल की प्राप्ति होती है. इसलिए चांदी और दूध को छोड़कर आप कोई अन्य सामान दान कर सकते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा पर किसी को खाली हाथ न लौटाएं
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान का बहुत ही ज्यादा महत्व है. Kartik purnima पर किए गए दान को शुभता का प्रतीक भी माना जाता है. इसीलिए यदि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कोई व्यक्ति आपके घर आता है तो इसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए. यदि आप किसी को खाली हाथ लौटा देते हैं तो आपके घर परिवार में धन-संपत्ति, अनाज की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
कार्तिक पूर्णिमा पर न करें किसी का अपमान
कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी गरीब व्यक्ति या आस पड़ोस घर परिवार या नाते-रिश्तेदार में किसी भी व्यक्ति का दिल नहीं दुखाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से देवता नाराज हो जाते हैं. देवता नाराज होकर आपके जीवन में परेशानियां और आपकी तरक्की में बाधा भी ला सकते हैं. इसीलिए कोशिश करनी चाहिए कि Kartik purnima के दिन किसी से द्वेष ना रखें और किसी को कटु वचन ना बोलें.
अस्वीकरणः ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है. यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए Her Jankari उत्तरदायी नहीं है. ये लेख विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित है। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें/